अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को विदेशी सहायता संगठनों को उनके द्वारा सरकार के लिए पहले से किए गए काम के लिए भुगतान रोकने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति ट्रंप के लगभग 2 बिलियन डॉलर की विदेशी सहायता और भुगतान को रोकने के अनुरोध को खारिज कर दिया। राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया भर में अमेरिकी मानवीय परियोजनाओं में बाधा डालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
संक्षिप्त तथ्य-
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, जो बाइडेन द्वारा नियुक्त, अमेरिकी जिला न्यायाधीश (वाशिंगटन) आमिर अली ने एक आदेश पारित किया, जिसने ट्रम्प प्रशासन को अमेरिका द्वारा जारी विदेशी सहायता निधि को ‘निलंबित, रोकने या अन्यथा रोकने’ से रोक दिया। जिला न्यायाधीश उपरोक्त ने यह आदेश दिया कि प्रशासन ठेकेदारों और यूएसएड (USAID- यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट- अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी) और विदेश विभाग से अनुदान प्राप्तकर्ताओं को उनके पहले से पूरे किए गए काम के लिए तुरंत धन प्रदान करें।
जिला न्यायाधीश अली ने प्रशासन को बकाया राशि जारी करने के लिए 26 फरवरी तक की समय-सीमा दी थी। जिसपर ट्रम्प प्रशासन ने कहा कि इतनी बड़ी राशि, जो करीब 2 बिलियन डॉलर है, उसे प्राप्तकर्ताओं तक पहुंचाने में कई सप्ताह लग जाएंगे।
अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय-
अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश, जॉन रॉबर्ट्स ने आधी रात की समय सीमा से कुछ घंटे पहले ही वाशिंगटन जिला न्यायाधीश अली के आदेश पर रोक लगा दी। उन्होंने इसके पीछे यह तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट को जज अली के फैसले का विश्लेषण करने के लिए तथा प्रशासन के औपचारिक अनुरोध पर विचार करने के लिए अतिरिक्त समय मिलना बताया। सुप्रीम कोर्ट के 6-3 कंजर्वेटिव बहुमत में तीन न्यायाधीश शामिल हैं जिन्हें ट्रम्प ने अपने पहले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान नियुक्त किया था। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपनी कार्रवाई के पीछे कोई तर्क नहीं दिया। हालाँकि, मूल समय सीमा अब समाप्त हो गई है, सुप्रीम कोर्ट ने जिला न्यायाधीश अली को निर्देश दिया कि वे “स्पष्ट करें कि सरकार को अस्थायी प्रतिबंध आदेश के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए किन दायित्वों को पूरा करना चाहिए, किसी भी अनुपालन समयसीमा की व्यवहार्यता के लिए उचित ध्यान देते हुए।
सारा हैरिस, कार्यवाहक सॉलिसिटर जनरल के अनुसार, जिला न्यायाधीश अली के आदेश पर रोक लगाना “एक नई, छोटी-सी डेडलाइन को फिर से लागू होने से रोकने के लिए ज़रूरी है, जो संघीय भुगतान प्रक्रियाओं को फिर से अवैध रूप से नियंत्रित करेगी।” इसके अतिरिक्त, कार्यवाहक सॉलिसिटर जनरल हैरिस ने तर्क दिया कि न्यायाधीश का आदेश न्यायिक अतिक्रमण के बराबर है और इसने प्रशासन को “सभी भुगतानों की वैधता सुनिश्चित करने के लिए” चालान की जांच करने के लिए बहुत कम समय दिया है। प्रशासन का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने 26 फरवरी को एक अलग फाइलिंग में कहा कि पूर्ण भुगतान की प्रक्रिया में कई सप्ताह का समय लग सकता है।
ट्रम्प एवं यूएसएड-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने चुनाव अभियानों के दौरान कई मौकों पर व्यक्त किया है कि वह ‘अमेरिका को फिर से महान बनाने’ के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इसे अपने अभियानों और भाषणों में एक नारे के रूप में भी इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने लोगों से ऐसा करने का वादा भी किया और उनका समर्थन भी मांगा। ट्रम्प प्रशासन ने कहा कि वह दुनिया भर में 90% से अधिक यूएसएड सहायता अनुबंधों और कुल मिलाकर 60 बिलियन डॉलर की अमेरिकी सहायता को समाप्त कर रहा है, जिससे विदेशों में अधिकांश अमेरिकी विकास और मानवीय सहायता को समाप्त करने की उसकी योजनाओं की संख्याएँ बढ़ गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश देशों को सहायता की आवश्यकता नहीं है, लेकिन वे इसे प्राप्त कर रहे हैं, और जिन लोगों को ज़रूरत है, वे अमेरिका की समस्या नहीं हैं।
राष्ट्रपति ट्रम्प ही नहीं, बल्कि उनके सहयोगी एलन मस्क भी विदेशी सहायता रोकने के पक्ष में हैं। ट्रम्प तथा मस्क का यह भी कहना है कि यूएसएड परियोजनाएँ उदारवादी एजेंडे को आगे बढ़ाती हैं और यह पूरी तरह से पैसे की बर्बादी के अतिरिक्त कुछ नहीं है।
20 जनवरी को ट्रम्प ने आदेश दिया कि 90 दिनों तक कार्यक्रम-दर-कार्यक्रम समीक्षा की जाएगी कि कौन से विदेशी सहायता कार्यक्रम जारी रखने योग्य हैं और कौन नहीं। तदोपरांत रातोंरात लगभग सभी विदेशी सहायता निधियों को प्रतिषिद्ध कर दिया। प्रतिषिद्धित धन ने विदेशों में हजारों अमेरिकी वित्त पोषित कार्यक्रमों को रोक दिया है। ट्रम्प प्रशासन और एलन मस्क के सरकारी दक्षता विभाग ने यूएसएआईडी के अधिकांश कर्मचारियों को जबरन छुट्टी या बर्खास्तगी के माध्यम से नौकरी से निकाल दिया है।