राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश (बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश) के अध्यक्ष श्री शिवकिशोर गौड़ ने गोरखपुर बार एसोसिएशन को हड़ताल वापस लेने का आदेश दिया है। गोरखपुर बार एसोसिएशन, अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 के विरोध में हड़ताल जारी रखे हुए है। श्रीमान अध्यक्ष ने दिनांक 05.03.2025 के आदेश के द्वारा बार एसोसिएशन, गोरखपुर को हड़ताल वापस लेने हेतु आदेशित किया है। इसके अतिरिक्त बार एसोसिएशन को हड़ताल वापस लेने की सूचना राज्य विधिज्ञ परिषद को देने का आदेश दिया गया है।
आदेश-
आदेश में राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ने गोरखपुर बार एसोसिएशन द्वारा जारी हड़ताल की निंदा की है। आदेश के अनुसार, उक्त हड़ताल अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 के विरोध में की जा रही है। अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 के विरोध में पूरे देश में हड़ताल समाप्त हो गई है। विधेयक के मुद्दे पर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा 23.02.2025 को एक बैठक आहूत की गई थी। बैठक में राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सहित विभिन्न राज्य विधिज्ञ परिषद के पदाधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक में, भारतीय विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष, श्री मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 के संबंध में उनकी केंद्रीय कानून मंत्री के साथ चर्चा हुई, जिसमें मंत्री महोदय ने यह आश्वासन दिया है कि अधिवक्ताओं से सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित करने के बाद ही इस विधेयक पर विचार किया जाएगा। इस आश्वासन पर, देश में हड़ताल वापस ले ली गई है।
उपर्युक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों के आलोक में, श्रीमान अध्यक्ष ने इस आदेश द्वारा बार एसोसिएशन से अपेक्षा की है कि वे हड़ताल समाप्त कर दें तथा इसकी सूचना बार काउंसिल को दें।
अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के प्रावधानों में संशोधन करने के लिए अधिनियमित किया गया था। इसका उद्देश्य भारत में कानूनी शिक्षा और कानूनी पेशे के प्रशासन को आधुनिक बनाना था। विधेयक में सलाहकार बोर्ड, बार एसोसिएशन, बार परीक्षा, कानूनी शिक्षा केंद्र, कदाचार और सत्यापन प्रमाणपत्र जैसी कई नई परिभाषाएँ प्रस्तावित हैं। विधेयक में पहले से मौजूद कई परिभाषाओं और प्रावधानों में संशोधन किया गया है। अधिवक्ता समुदाय द्वारा विधेयक का बहुत कड़ा विरोध किया गया है क्योंकि संशोधन में कई ऐसे प्रावधान प्रस्तावित हैं जो अधिवक्ताओं के हितों के विरुद्ध हैं।
अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025-
अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 को अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के प्रावधानों में संशोधन करने के लिए अधिनियमित किया गया था। इसका उद्देश्य भारत में कानूनी शिक्षा और कानूनी पेशे के प्रशासन को आधुनिक बनाना था। विधेयक में सलाहकार बोर्ड, बार एसोसिएशन, बार परीक्षा, कानूनी शिक्षा केंद्र, कदाचार और सत्यापन प्रमाणपत्र जैसी कई नई परिभाषाएँ प्रस्तावित हैं। विधेयक में पहले से मौजूद कई परिभाषाओं और प्रावधानों में संशोधन किया गया है। अधिवक्ता समुदाय द्वारा विधेयक का बहुत कड़ा विरोध किया गया है क्योंकि संशोधन में कई ऐसे प्रावधान प्रस्तावित हैं जो अधिवक्ताओं के हितों के विरुद्ध हैं।